वैसी ही मध्य शिरा और वैसा ही शिराविन्यास भी होता है।
2.
अण्डे पत्तियों की निचली सतह पर मध्य शिरा के पास गुच्छे में दिये जाते हैं।
3.
कभी-कभी गन्ने की पत्ती की मध्य शिरा पर लाल रंग के धब्बे पाये जाते हैं।
4.
प्राय: पत्ती की मध्य शिरा पीली पड़ जाती है और पत्ती का अन्य भाग हरा रहता है।
5.
अगले कदम की हथेली के आकार का व्यक्तिगत उँगलियाँ, प्रत्येक एक अक्षुण्ण मध्य शिरा के साथ में पत्ते बंटवारे है.
6.
इस कीट की सूडि़यॉं ही पत्तियों को खाती हैं तथा ग्रसित फसल में केवल मध्य शिरा ही शेष बच पाती है।
7.
इस रोग में पत्तों की मध्य शिरा, शीथ, तने व भुट्टौं के बाहरी छिलकों पर छोटे छोटे पीले धब्बे दिखाई देते हैं जोकि बाद में मिलकर बडे गोल भूरे रंग के हो जाते हैं।
8.
रोगी पौधों के अगोले की पत्तियों में हरापन बिल्कुल समाप्त हो जाता है जिससे पत्ती का रंग दूधिया हो जाता है और नीचे की पुरानी पत्तियों में मध्य शिरा के समानान्तर दूधिया रंग की धारियॉं पड़ जाती हैं।
9.
अगर फलक (lamina) का कटाव इतना गहरा हो कि मध्य शिरा सींक की तरह हो जाय और प्रत्येक कटा भाग पत्ती की तरह स्वयं लगने लगे, तो इस छोटे भाग को पर्णक कहते हैं और पूरी पत्ती को संयुक्तपर्ण (compound leaf) कहते हैं।
10.
गन्ना फसल में ग्रासहॉपर के निम्फ तथा प्रौढ़ विशेष रूप से पत्तियो के हरे भाग को खाते हैं तथा भीषण प्रकोप की दशा में केवल पत्तियों के बीच की धारी (मध्य शिरा) ही शेष रह जाती है एवं फसल बाहर से देखने पर झाडू़नुमा प्रतीत होती है।